<no titleमप्र / तालाबों पर नियुक्त होंगे बोट इंस्पेक्टर... कंडम बोट की जांच की जिम्मेदारी भी इन्हीं के हवाले होगी

भोपाल . खटलापुरा नाव हादसे में 11 युवकों की मौत के बाद अब सरकार तालाबों में चलने वाली नाव और प्रतिमा विसर्जन को लेकर नए नियम बनाएगी। इसकी कवायद गृह मंत्रालय ने शुरू कर दी है। वर्तमान में तालाबों में चल रही नावों के संचालन के लिए न कोई नियम है, न कानून और न ही मॉनिटरिंग की कोई पुख्ता व्यवस्था। इसकी वजह से कंडम नावों का संचालन तालाबों में हो रहा है। नियम न बनने से प्राइवेट अाॅपरेटर बिना लाइसेंस अाैर रजिस्ट्रेशन के ही बाेटिंग करा रहे हैं।


अफसरों ने बताया कि बिहार ने ऐसी घटनाअाें काे राेकने के लिए बंगाल के नियमों को अपनाया है।  बिहार सरकार द्वारा बनाए गए माॅडल रूल्स 2011 में प्राइवेट पैसेंजर बाेट के रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस के अधिकार डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट काे दिए हैं। नाव संचालन के नए नियम बनाने की कवायद शुरू की गई है और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा विसर्जन को लेकर बनाए गए नियमों की तर्ज पर यहां नियम बनाने की कवायद शुरू की गई है। 


खटलापुरा नाव हादसे के बाद अब पूरे प्रदेश में बोटिंग और प्रतिमा विसर्जन के दौरान सुरक्षा के लिए पहली बार नियम बनाने की कवायद शुरू की गई है। जिला प्रशासन ने इसके लिए एक ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेजा है। इसमें सुरक्षा के लिए जरूरी व्यवस्थाओं को शामिल किया गया। इसके तहत जलाशयों पर बोट इंस्पेक्टर नियुक्त होंगे। इनकी निगरानी में ही बोटिंग हो सकेगी। 


नाव संचालन अाैर विसर्जन काे लेकर इन प्रमुख बिंदुअाें के अाधार पर तैयार किए जाएंगे नए नियम 


बोट संचालन के लिए नियम 



  •  बोट स्थानीय निकाय, पंचायत या जिला प्रशासन में रजिस्ट्रेशन किया जाए। हर बोट को विशेष नंबर दिया जाए, जिसे अधिकृत व्यक्ति के नाम के साथ लिखा जाए।  स्थानीय परिस्थियों के मुताबिक बोट का अच्छे से परीक्षण कर लिया जाए। प्रशासन को समय-समय पर इनका निरीक्षण करना चाहिए।

  •  अगर क्षेत्र में ज्यादा संख्या में बोट संचालित हो रही हैं तो इनके निरीक्षण के लिए एक बोट इंस्पेक्टर की तैनाती होनी चाहिए।